क्या आपके बच्चे का मन भी पढ़ाई में नहीं लगता? तो ये STUDY TIPS है आपके लिए
आज के समय में सभी माता-पिता अपने बच्चों की पढ़ाई को लेकर अत्याधिक परेशान हैं। कोरोना के कारण online classes लगने से बच्चों की रूचि पढ़ाई से कम हो गई है, और बच्चों का जुड़ाव मोबाइल से अधिक हो गया है। ये दोनों ही परिस्थितियां बच्चों के माता-पिता के लिए चिंता का विषय है।
वैसे तो बच्चों का मन पढ़ाई में न लगना आम बात है, लेकिन अगर यह समस्या अत्याधिक हो, तो माता-पिता का चिंतित होना भी जाएज़ है।
कई बार अपने बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए parents उनपर दवाब बनाते हैं। इसका नतीजा बच्चों का चिढ़चिढ़ा होना और पढ़ाई से दूरी बना लेना होता है। इस लेख के माध्यम से हम कुछ ऐसे STUDY TIPS बताएंगे जो बच्चे और पैरेंट्स के बीच तालमेल बिठा कर पढ़ाई को आसान बना देंगे।
माता-पिता के लिए आवश्यक study tips:
इन स्टडी टिप्स को अपनाकर अभिभावक बच्चे को मन लगाकर पढ़ाई करने में मदद कर सकते हैं।
बच्चे के पढ़ाई करते समय आप भी उनके साथ बैठें। इस समय अपने मोबाइल और लैपटॉप से दूर रहें। बच्चे को पढ़ाने के साथ दूसरे कामों को तवज्जो न दें।
जब भी आप बच्चे को पढ़ाई करवाये, तो अपने आस-पास से सभी ऐसी चीजों को हटा दें जिसकी वजह से बच्चे का ध्यान पढ़ाई से भटक सकता हैं।
पढ़ाई करवाते समय ऐसी जगह बैठें जहां किसी भी तरह का शोर-शराबा न हो। इसके साथ ही,पढाते समय मोबाइल-टीवी को बंद रखे। टेबल-चेयर पर ही बैठें, इससे आप ज़्यादा देर तक पढ़ाई कर पाएंगे / करवा पायेंगे।
लगातार पढ़ाई कराने से बचें। अगर आप चाहते हैं कि आपका बच्चा पढ़ाई में और अच्छा फोकस करे, तो आपको इस दौरान बीच-बीच में छोटे ब्रेक्स देने चाहिए। लेकिन, इन ब्रेक्स में आपको टीवी या मोबाइल नहीं चलाना हैं। कोशिश करें कि 30 से 45 मिनट की पढ़ाई कराने के बाद आपको कम से कम 5 से 10 मिनट का ब्रेक ज़रूर देना चाहिए।
अगर बच्चे मे कोई स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं है तो और भी ज्यादा ध्यान देना होगा। जैसे:-
- दिमाग कमज़ोर होना।
- लर्निंग पावर weak होना।
- भावनात्मक समस्या (जैसे माता-पिता के झगड़े अन्यथा किसी बात का बहुत ज्यादा डर)।
- घर का माहौल ठीक न होना।
- Hyperactivity disorder (यह बच्चों में होने वाला एक मानसिक विकार है, जिसमे एकाग्रता की कमी देखी जा सकती है)।
- मनोरोग संबंधी विकार (जैसे डिप्रेशन)।
- थकान या अधूरी नींद।
- कमरे में पर्याप्त रोशनी या वेंटिलेशन न होना।
इत्यादी।
अब जानते हैं उन स्टडी टिप्स के बारे में जिससे बच्चे का मन पढाई मे लग सके।
(1) छोटी- छोटी बातो में motivate करे:-
बच्चे का मन यदि पढ़ाई में नहीं लगता है, तो उसे डांटने की बजाय समझाये। बच्चे को समय दें व उनके साथ बैठकर होमवर्क कराने में उनकी मदद करें। बच्चे की छोटी-छोटी सफलता के लिए उन्हे motivate करें।
(2) बच्चे की नींद का खास ख्याल रखे :-
बच्चे का मन पढाई में न लगने का एक कारण नींद पूरी न होना भी हैं। नींद पूरी न होने से भी बच्चे का पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित नहीं हो पाता और उन्हें पढ़ाई के दौरान नींद आती है। यदि बच्चे की नींद पूरी हो, तो एकाग्रता और शिक्षा में सुधार देखने को मिल सकता है। कम से कम 8 से 10 घंटे की नींद जरूरी पुरी करवाये।
(3) Time टेबल:-
बच्चे का एक टाइमटेबल सेट करे। इससे बच्चे की जीवनशैली में सुधार होगा तथा उनके पास खेलने, पढ़ने एवं सोने के लिए भी पर्याप्त समय होगा।
(4) व्यायाम या योगा:-
एक्सरसाइज करने से बच्चे की पढ़ाई पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। व्यायाम से एकाग्रता बढ़ती है। बच्चे के हेल्दी रूटीन में व्यायाम या योगा
को शामिल करना बेहतर विकल्प हो सकता है।
(5) हेल्दी डाइट:-
बच्चे का मन पढ़ाई में लगाने के लिए proper diet भी बहुत जरूरी है। बच्चों में पोषक तत्वों की कमी का सीधा असर उनके शारीरिक और मानसिक विकास पर पड़ सकता है। अच्छे स्वास्थ्य और मानसिक विकास के लिए proper diet मिलना जरूरी है आज बच्चों में हेल्दी फूड की जगह जंक फूड का चलन इतना बढ़ गया है, जिससे उन्हें उचित पोषक तत्व नहीं मिल पा रहे है। बच्चे को हेल्दी आहार दे। जैसे: फल, सब्जियां, दूध, अंडे ।
(6) पढ़ाई के लिए उचित जगह का चयन:-
बच्चों की पढ़ाई के कमरे में सही वेंटिलेशन होना बहुत जरूरी है। वेंटिलेशन से मतलब यह है कि उनका कमरा हवादार तथा सूरज की रोशनी वाला होना आवशयक है।
( 7) बच्चे को तनाव मुक्त रखें:-
बच्चों पर पढ़ाई का बहुत ज्यादा दबाव डालने से बच्चों पर बुरा असर पड़ सकता है। कुछ बच्चों में तनाव तथा नकारात्मक प्रभाव देखने को मिल सकता है।
(8) खेलना भी है जरूरी:-
पढ़ाई के साथ-साथ बच्चों के लिए खेलना भी उतना ही जरूरी है।इससे बच्चे का मानसिक विकास तो होता ही है साथ ही उनका मूड भी फ्रेश होता है। बच्चे के खेलने को भी पूरी अहमियत दे। उनके खेलने का समय भी तय कर दें। इससे बच्चे का मूड बेहतर होगा और पढ़ाई में भी उसका मन लगेगा।
(9) घर का माहौल रखे ठीक:-
बच्चे के सामने आपस में लड़ना उनके मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर डालता है। घर का माहौल ठीक न होने से भी बच्चे डिप्रेशन का शिकार हो सकते हैं। पढ़ाई में मन लगे इसलिए बच्चे के सामने घर का माहौल अच्छा बनाकर रखें व उनके सामने झगड़ा न करें।
(10) मार-पीट करना :-
कुछ पेरेंट्स बच्चे के पढ़ाई न करने से उन पर चिल्लाना या मारना-पीट करना शुरू कर देते हैं। ऐसा करना गलत है। इससे बच्चा डिप्रेशन या भय मे जी सकता है। हमने ऊपर बता ही दिया है कि अवसाद का असर बच्चे की पढ़ाई पर भी होता है। इससे वे ज़िद्दी हो सकते हैं।इसलिए डांटने की बजाय बच्चे को प्यार से समझाए ।
(11) रिश्वत की आदत न डालें:-
बच्चे की सफलता के लिए उनकी प्रशंसा करना या उपहार देना, उन्हें motivate करने का अच्छा तरीका है। लेकिन बच्चे को हर रोज़ होमवर्क के लिए रिश्वत देना या किसी चीज का लालच देना गलत है।
ऐसा करने से बच्चा कभी भी मन लगाकर पढ़ाई नहीं करेगा, और अगली बार उनकी पसंद की चीज न मिलने पर बच्चा चिड़चिड़ा हो सकता हैं।
उपयुक्त 10 से भी ज्यादा study tips है जिन्हे अपनाकर आप बच्चे की पढ़ाई में अपना योगदान देकर उनकी बहुत मदद कर सकते हैं। साथ ही अपने बच्चे को ये last और सबसे important study tips बताये कि
” सुबह पढ़ो या रात को
हमेशा दिल में रखो इस बात को,
सफल बनाना है एक दिन अपने आप को “